मालवा-निमाड़ की पांच सीटों की जिम्मेदारी संभालेंगे कैलाश विजयवर्गीय, दीपक जोशी की नाराजगी पर बोले- डेमैज है ही नहीं तो कंट्रोल क्या करें
भोपाल. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मालवा-निमाड़ की पांच सीटों की जिम्मेदारी संभालेंगे। साथ ही राज्यसभा चुनाव की तीनों सीटों पर भी नजर रखेंगे। मंगलवार को भोपाल पहुंचे विजयवर्गीय ने पार्टी दफ्तर में प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ लंबी चर्चा की।
बताया जा रहा है कि संगठन चाहता है कि मालवा-निमाड़ की हाटपिपल्या, बदनावर, आगर, सांवेर और सुवासरा की विधानसभा सीटों पर जाकर वे स्थानीय नेताओं से बात कर चुनाव की रूपरेखा पर काम करें। भोपाल में प्रदेश संगठन से चर्चा के बाद विजयवर्गीय ने हाटपिपल्या से विधायक रह चुके पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपक जोशी की नाराजगी के सवाल पर कहा कि डेमैज है ही नहीं तो कंट्रोल क्या करें। दीपक जोशी पर कोई शक कर रहा है तो यह उसकी राजनीतिक नासमझी है। दीपक से मुलाकात सहज थी। इंदौर लौटते समय कई कार्यकर्ताओं से मिलूंगा। इसका मतलब यह नहीं कि मैं डेमैज कंट्रोल करने जा रहा हूं।
सांवेर सीट पहले से भी ज्यादा वोटों से जीतेंगे
प्रेमचंद गुड्डू के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर कहा कि हम सांवेर सीट पहले से भी ज्यादा वोटों से जीतेंगे। इसकी बड़ी वजह यह है कि कमलनाथ ने मप्र की जनता के साथ छलावा किया। विजयवर्गीय ने इंडिया को भारत कहने के लिए दायर याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि यह अच्छा है। सैद्धांतिक रूप से हम इसका समर्थन करते हैं।
इंदौर में कई वरिष्ठ विधायक हैं तो क्या सभी को मंत्री बना दें
मंत्रिमंडल में इंदौर को कम प्रतिनिधित्व मिलने के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि तुलसी सिलावट को प्रतिनिधित्व तो मिल गया है। इंदौर में सभी वरिष्ठ विधायक हैं तो क्या सबको मंत्री बना दें। मंत्रिमंडल बनता है तो पूरे प्रदेश को देखना होता है। इसलिए वरिष्ठ विधायकों को थोड़ा तो समझौता करना ही पड़ेगा।
मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे भार्गव, बिसेन और शाह
मंत्रिमंडल विस्तार की सरगर्मी के बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री व विधायक गौरीशंकर बिसेन के साथ ही पूर्व मंत्री व विधायक विजय शाह मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले। इस मुलाकात को उपचुनाव की तैयारी के साथ मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है। ये तीनों वरिष्ठ विधायक हैं, जो पिछली शिवराज सरकार में उनकी टीम के सदस्य रहे हैं। इस बार मंत्रिमंडल के गठन में इन्हें जगह नहीं मिली, लेकिन जल्द ही होने जा रहे मंत्रिमंडल विस्तार में इनके नाम चर्चा में हैं।