जल्द निजी लैब समेत सभी मेडिकल कॉलेज व सरकारी लैब में शुरू होगी जांच
नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना वायरस (Coronavirus) को महामारी घोषित करने के साथ ही भारत सरकार ने अब इससे निपटने के लिए बड़े पैमाने पर जांच की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार बहुत जल्द ही देश के सभी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी लैब में कोरोना वायरस की टेस्टिंग सुविधा शुरू कर सकती है। इसके अलावा मान्यता प्राप्त निजी लैब को भी जल्द ही टेस्ट शुरू करने की अनुमति मिल सकती है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सरकार जल्द से जल्द कोरोना वायरस संदिग्धों की जांच क्षमता बढ़ाना चाहती है। भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप अभी दूसरे चरण में है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अधिकारियों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने जानकारी दी है कि प्राइवेट लैब में कोविड-19 (COVID-19) टेस्ट शुरू करने के लिए बातचीत शुरू हो चुकी है। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सकीय प्रयोगशालाओं को भी टेस्ट की अनुमति प्रदान कर सकती है।
अगले एक महीने बेहद महत्वपूर्ण
कोरोना वायरस से निपटने में जुटी शीर्ष वैज्ञानिक संस्था भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव के अनुसार कोरोना वायरस को तत्काल फैलने से रोकना अभी सबसे महत्वपूर्ण है। एक बार वायरस ने कम्युनिटी ट्रांसमिशन का रूप ले लिया तो इसे महामारी का रूप धारण करने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। इस लिहाज से अगले एक महीने भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
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केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पहले ही तमाम उपाय अपनाए जा चुके हैं। इसके साथ ही ICMR ने कोरोना वायरस की टेस्टिंग क्षमता कई गुना बढ़ाने की दिशा में भी काम शुरू कर दिया है। डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक फिलहाल देश में कोरोना वायरस संबंधित मामलों की जांच क्षमता 6500 प्रतिदिन पहुंच चुकी है। बहुत जल्द ही देश के सभी मेडिकल कॉलेजों व सरकारी प्रयोगशालाओं में भी कोरोना वायरस की टेस्टिंग शुरू करने की दिशा में काम चल रहा है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने के लिए रैंडम सैंपलिंग शुरू
कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए 51 लैब में प्रति सप्ताह 510 रैंडम सैंपलों की जांच भी शुरू कर दी गई है। ये रैंडम सैंपल उन लोगों के हैं, जिन्हें सर्दी-जुकाम की शिकायत है। ICMR की डॉ निवेदिता के अनुसार राहत की बात ये है कि फिलहाल किसी भी रैंडम सैंपल में कोरोना वायरस नहीं मिला है। अगर एक भी सैंपल में वायरस मिला तो कोरोना वायरस से निपटने की पूरी रणनीति को बदलना पड़ेगा।