गलवन घाटी में ऑरेंज अलर्ट पर भारतीय सेनाएं, चीन को तबाह करने के लिए एयर मिसाइल सिस्टम तैनात
जम्मू। पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की हिमाकत के बाद उपजे तनाव के बीच अब भारतीय सेनाओं ने जमीन ही नहीं, हवा में भी उसे घेरने के लिए मजबूत जाल बिछा रखा है। पूरे लद्दाख में भारतीय वायुसेना और थल सेना ऑरेंज अलर्ट पर है। इतना ही नहीं, दुश्मन के विमान तबाह करने के लिए क्विक रिएक्शन सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम भी तैनात कर दिया गया है। वायुसेना के आधुनिक रडार दुश्मन के विमानों को उसके बेस पर ही निगरानी पर रखे हैं।
पूर्वी लद्दाख में चीन के मुकाबले भारतीय सेनाएं पूरी तरह तैयार हैं। एक ओर तोपखाना जरूरत पड़ने पर सटीक वार करने को मुस्तैद है तो भारतीय वायुसेना भी हवाई हमले को नाकाम करने में सक्षम है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, दोनों भारतीय सेनाओं ने तोपों और मिसाइलों की तैनाती करने के साथ ही पूर्वी लद्दाख में गत दिनों अपने मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम भी मजबूत किया है। इसके अलावा भी नए उपकरणों को शामिल करने का सिलसिला जारी है।
भारत व चीन के विमानों को उड़ते समय एलएसी से दस किलोमीटर की दूरी बनानी होती है
दरअसल, पिछले दो हफ्तों में चीन की वायुसेना वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब सुखोई- 30 विमानों और हेलीकॉप्टरों की गतिविधियों में तेजी लाई है। चीन के हेलीकॉप्टर गलवन घाटी के पेट्रो¨लग प्वाइंट 14, 15 व हॉट स्पि्रंग, पैंगोंग त्सो और फिगर एरिया के काफी पास तक उड़ान भरते देखे गए हैं। इसके जवाब में ही भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में दुश्मन के विमानों को मार गिराने की क्षमता से युक्त अपने आधुनिक क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम तैनात किया है। दोनों देशों में समझौते के अनुसार, भारत व चीन के विमानों को उड़ते समय वास्तविक नियंत्रण रेखा से दस किलोमीटर की दूरी बनानी होती है।