ओवैसी की वजह से क्या आरजेडी को नुक़सान और बीजेपी को फ़ायदा हुआ?
बिहार के सीमांचल इलाक़े में 24 सीटे हैं जिनमें से आधी से ज़्यादा सीटों पर मुसलमानों की आबादी आधी से ज़्यादा है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम इनमें से पांच सीटों जीत हासिल की है.
चुनाव नतीजे आने से पहले राजनीतिक विश्लेषक ये मान रहे थे कि सीमांचल के मुसलमान मतदाता ओवैसी की पार्टी के बजाए धर्मनिरपेक्ष छवि रखने वाली महागठबंधन की पार्टियों को तरजीह देंगे.
लेकिन, अब ये साफ़ हो गया है कि सीमांचल के मतदाताओं ने बदलाव के लिए वोट किया है.
36 और 16 सालों से मौजूद विधायक हारे
पूर्णिया की अमौर सीट पर अब तक कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान पिछले 36 सालों से विधायक थे. इस बार उन्हें सिर्फ़ 11 फ़ीसद वोट मिले हैं जबकि एआईएमआईएम के अख़्तर-उल-ईमान ने 55 फ़ीसद से अधिक मत हासिल कर सीट अपने नाम की है.
बहादुरगंज सीट पर कांग्रेस के तौसीफ़ आलम पिछले सोलह सालों से विधायक हैं. इस बार उन्हें दस फ़ीसद मत ही मिले हैं जबकि एआईएमआईएम के अंज़ार नईमी ने 47 फ़ीसद से अधिक मत हासिल कर ये सीट जीती है.